नमते फ्रेंड्स मेरा नाम स्नेहा है, मैं 23 साल की हूँ! मैं लाहौर पाकिस्तान से हूँ, मैं बीकॉम 2ण्ड ईयर में पढ़ती हूँ मेरे घर में मेरे अलावा मेरे पापा एंड मेरी माँ रहती हम सुब लाहौर सेंट्रल इलाके में रहते है, लाहौर सेंट्रल मैं हम एक मात्र हिन्दू परिवार हैं. मेरे पापा गुलबेंग मार्किट में अपनी जनरल स्टोर चलाते है, मेरे पापा 2 भाई थे मेरे बड़े पापा इंडिया मैं दिल्ली में रहते है. मेरे बड़े पापा और दादा 1993 मैं इंडिया चले गए थे, वह मेरे पापा को भी इंडिया बुला रहे थे मगर पापा यहाँ अपना स्टोर और घर छोड़ कर नहीं जाना चाहते थे. लाहौर में हम सब घर से काम निकालते है, अगर हम सब कुछ काम के लिए मार्किट जाते, तो मैं अपनी माँ को अपने साथ ले लेती हूँ! यहाँ औरतों के लिए अच्छा नहीं है अगर मैं और मेरी माँ मार्किट जाते है तो यह सब मार्किट में हमे गन्दी नज़रों से देखते है कभी कभी तो यहां पर लड़के हमे देख कर गंदे कमेंट करते और हम उसे चुप चाप सुन लेते है! इस बजह से हमारा घर से निकलना थोड़ा कम होता था, बस मैं 11 तो 2 बजे तक कॉलेज जाती हूँ! कॉलेज मैं अपने क्लास में एक मात्र हिन्दू लड़की हूँ कॉलेज के लड़के भी मुझे काफी लाइन मारते है! चलिए मैं अब अपनी स्टोरी पर आती हूँ ये स्टोरी 2011 की है! मेरे घर के सामने अब्दुला का घर था यह एक दम हरामी इंसान था, उसकी उम्र 35 की थी वह कुछ नहीं करता था पुरे दिन घर में रहता और अपनी बीबी से लड़ाई करता था, मैं जब भी छत पर जाती वह तुरंत अपने छत पर पहुँच जाता और मेरे तरफ देख कर मुस्कुरा देता! ये रोज़ का था मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आदत सी हो गयी थी! एक बार की बात है मेरे पप्पू भैया दिल्ली से आये थे लाहौर हम सबसे मिलने उनके साथ उनकी 6 साल की लड़की प्रिया भी आई थी. प्रिया जब भी घर के गेट पर जाती तो अब्दुला उसे चॉकलेट के बहाने अपने घर ले जाता ये रोज़ का होने लगा प्रिया रोज़ उसके घर जाने लगी! एक दिन की बात है हम सब धूप लेने के लिए अपने घर के छत पर बैठे थे और प्रिया मेरे पास बैठी थी उसके हाथ में चोकलेट था मैंने उसे एक चोकलेट मागा वह अपना चुत की तरफ इशारा करके बोली चुत लोगी भैया सुन गये और जोर से उसपर चिलए किसने सिखाया और वह रोने लगी और बोली अब्दुला चाचा फिर और क्या था मेरे पापा हो गये गुस्सा और वह अब्दुला के घर के सामने जाकर छिलने लगे अब्दुला बहन चोद दूंगा तेरी साले निकल घर से तू हमारी बच्ची को क्या गन्दी गन्दी गली सिखाता है, और अब्दुला घर निकाला वह भी पापा को गाली देने लगा और बोल रहा था तेरी बेटी को चोद दुगा! गली में भीड़ बहुत हो गयी!
सबने मिलकर लड़ाई शांत करवाया और भैया पापा को पकड़ कर घर के अंडर ले आये! फिर अगले ही दिन भैया और उनकी लड़की चली गयी इंडिया मैं शाम को छत कर गयी कपड़े उतरने अब्दुला अपने छत पर से अपने पुलिस वाले फ्रेंड को मेरी तरफ दिखा रहा था फिर मैं नीचे चली आयी! एक दिन मैं कॉलेज से घर लौट रही थी तो रास्ते में अब्दुला मिला अपनी बाइक लेकर और मुझे फाॅर्स करने लगा बाइक पर बैठ जाओ घर छोड़ देता हूँ मुझे बहुत डर लग रहा था और बहुत ड्रींक किये हुए था और मैं डरते डरते उसके बाइक पर बैठ गयी वह मुझे रास्ते मैं बोल रहा था तेरा बाप उस दिन बहुत फुदक रहा था मैं चुप चाप बैठी रही! एक दिन पापा को फ़ोन दिल्ली से आया दादा जी काफी बीमार है और अब नहीं बचेंगे और दादा जी आखरी बार पापा एंड माँ को देखना चाहते थे, जाना तो मुझे भी था पर क्या करती कॉलेज में पेपर होने वाला था. पापा तो बोल रहे थे कॉलेज में पेपर है हम नही जायेगे दिल्ली फिर मैंने समझाया पापा को दादा जी की आखरी ख्वाइश है आपको देखने की आप चले जाये दिल्ली और दादा जी को देख कर आजाये और मैं अपनी लास्ट पेपर दे देती हम तब हम सब फिर से दिल्ली जाएंगे तो पापा मान गए और बोले घर से कम ही निकलना मैं बोली ओके ठीक है, अगले दिन पापा और माँ इंडिया चली गयी! अगले दिन पापा और मां इण्डिया चले गए! मैं गेट लगा कर पूरे दिन साई रही और शाम को उठी सर में दर्द हो रहा था मैं सोचि थोड़ा चाय पी लो जाकर! चाय बनाने के लिए मैं मिल्क लेने गयी थी दुकान पर इसी बीच अब्दुला मेरा गेट पर आकर खड़ा हो गया मैं उधर से लौट रही थी तो मैं अब्दुला को देखा
अपने गेट पर और मैं डर गयी डरते डरते अपने गेट पर गायी और अब्दुला गेट रोककर खड़ा था और मुझे देखकर बोला जान अपने दूध का हमे भी चाय पिला दो मैं डरी हुई बोली हटो गेट से मुझे अंदर जाना है! अब्दुला गेट से थोड़ा साइड हट गया और मैं अंदर जाने लगी तभी उसने मेरे स्तन को जोर से अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और दबाने लगा और बोल रहा था जानेमन आज रात को आ जाऊँ तुम्हारे घर मुझे पता है तेरा बाप नही है वह दिल्ली गया है ना! इतना कह कर वह चला गया मैं काफी डरी हुई थी! मैं पूरी रात सोई नहीं और सुबह हुई फिर मैं नहा धोकर कॉलेज के लिए तैयार हो गयी थी उस दिन मेरा लास्ट पेपर था टीचर ने सब बच्चों से बोला था आज जिसको जो पसंद है यह कपड़ा पहन कर आ सकते हो, मेरी फ्रेंड ने मुझे फाॅर्स किया था तुम कल साड़ी में आना तो उस दिन साड़ी पहन कर गयी थी!
कॉलेज में लास्ट पेपर था पेपर दे कर हम सब फ्रेंड होटल गयी खाना उस दिन हम सब ने खूब मस्ती की और 5 बज गए और शाम हो गयी थी सर्दी मैं लाहौर में 5 बजे ही अँधेरा हो जाता है, फिर मैं घर के लिए निकल दी घर पहुँची उस दिन मैं काफी थकी हुई थी छत पर जाकर मैं सुबह वाला कपडा उतरने गयी तो मैंने देखा अब्दुला और उसका पुलिस वाला फ्रेंड छत पर बैठा था और मेरी तरफ देख रहा था! कपडा उतार कर मैं सीधे रूम मैं आगयी! मैं काफी थकी हुई थी मैं रूम में जाकर लेट गयी साड़ी भी नही चेंज किया. कुछ देर मुझे लगा कोई घर के अन्दर आ रहा है! तब एक दम से मुझे याद आया मैं तो मैं गेट तो खुला ही छोड़ किया है और मैं पीछे पलट कर देखि तो अब्दुला और उसका पुलिस वाला फ्रेंड सीधे मैं रूम में पहुँच गया था! मैं उसे देख कर उसपर जोर से चिल्लाई तुम मेरे घर मैं कैसे इस पर अब्दुला बोला आज जानेमन तेरी जवानी खींच लाई है हम दोनों दोस्त को आज हम दोनों अपनी प्यास बुझा कर ही मानेंगे! मैं अब्दुला को हाथ जोड़कर बोली प्ल्ज़ मुझे छोड़ दो और मैं रोने लगी इस पर अब्दुला बोला तेरा बाप उस दिन बहुत अकड़ दिखा रहा था, आज उसकी अकड़ निकल कर ही मानुगा. मैं रोने लगी वह मुझ से बोला रोने से कुछ नहीं होने वाला है जानेमन अगर आज हम दोनों दोस्तों को खुश नहीं की ना तो मेरा दोस्त ग़ुस्सा हो जायेगा वह फिर तेरे बाप को किसी जुर्म में अंदर कर देगा अच्छा होगा तू हमें खुश कर दे इसी पर उसका पुलिस वाला दोस्त बोला अब्दुला मैं बाहर बैठा हूँ और तू काम करके जल्दी बाहर और ज्यादा बहस मत कर! इतना कह पुलिस वाला बाहर चला गया अब्दुला मुझ पर टूट परा मुझे बोला खड़ी हो जा मैं भी समझ गयी थी आज मेरे कुछ नही होने वाला और मैं चुप चाप खड़ी हो गयी. और अब्दुला मेरी साड़ी का पल्लू पकड़ खींचना शुरू कर दिया उसने मेरी पूरी साड़ी निकाल दी अब मैं बस पेटीकोट और बलाउज में थी और अब्दुला मुझे देखा देखते रह गए वह बोला आज तो जन्नत मिल गया. आकर मुझ से लिपट गया और मेरी गलो को किस करने लगा उसके बाद उसने अपना कपडा खोल दिया अब मेरे सामने अब्दुला का काला लांड बिल्कुल खारा था उसका लांड 8" का था फिर उसने मुझे बेड पर पटक दिया मुझ पर आकर लेट गया मेरी चूची को दबाना शुरू कर दिया अब मेरी बलाउज पीछे से खुलना शुरू कर दिया उसके सामने मेरी बड़ी बड़ी गोरी चूचि वह अपने मुँह से चूचि को चूसने लगा, अब मैं बिलकुल गरम हो गयी थी मेरे मुँह से आवाजें निकल रही थी मेरी सांसे जोर जोर से चल रही थी अब अब्दुला मेरी पेटीकोट मैं अपना हाथ डाल दिया और अपने ऊँगली मेरी चूत में डाल दिया और जोर जोर से ऊँगली करने लगा मेरी चूत मैं अब मेरी मुह से बहुत आवाजें निकलने लगी अब्दुला अब मेरी पेटीकोट खोलने लगा! मैं बिलकुल लगी थी अब्दुला के सामने अब्दुला बिना दे किये हुए अपना लंड मेरी चूत कर रगड़ने लगा मेरी चूत बिलकुल गीली थी अब अब्दुला अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा मेरी चूत मैं उसका लंड नहीं जा रहा था वह अपना मोटा लंड जबर्दस्ती मेरी चूत में डाल रहा था दर्द से मेरा बुरा हाल था मैं उसे बोल रही थी प्ल्ज़ अब्दुला छोड दो. मुझ से बोला आग लगा कर इससे कैसे छोड़ दो! अब्दुला एक जोरदार झटका मारा उसका मोटा लंड मेरी चूत बिलकुल अंदर चला गया अब दर्द से मेरा बुरा हाल था मैं जोर से चिल्लाने लगी अब्दुला तकिया मेरे मुँह पर रख कर जोर जोर चुदाई करने लगा लग भग 10 से 15 मिनट मैं अब्दुला का मोटा लंड पानी छोड़ दिया मेरी चूत मैं! अब्दुला उठ खड़ा हुआ और अपने कपड़े पहने लगा अपने कपड़े पहन कर यह बाहर चला गया तभी उसका पुलिस वाला फ्रेंड अंदर आया वह मुझे देखा तो देखते रह गए मानो उसका आख फट गया हो वह मेरे गोर बदन को देख रहा था मेरी चूत को देख कर उसका बुरा हाल हो गया मेरी चूत बिलकुल गीली थी और काफी सूझ गया था आते ही अपना बर्दी खोला मैंने उसका लड़ देखा मैं समझ गयी मैं इस लड़ को नहीं झेल सकती लग भग 12" से 15" का था साइड बेड पर आ गया मानो सबसे जयदा इसको ही है वह मेरे दोनों टांगों को फैला दिया वह अपना लड़ मेरी चूत में डाल दिया उसका लड़ आधा ही गया था फिर उसने एक जोर दार झटका मारा अब उसका लड़ मेरी चूत को मनो फार कर अंदर चला गया हो अब मैं पहले से जयदा जोर से चिल्लाने लगी अब यह और भी जोर जोर झटके मर रहा था उसने मेरी मुँह पर हाथ रख दिया! यह मेरी चुदाई करने लगा लग भग उसने मुझे कुत्तों की तरह 30 से 40 मिनट तक चुदाइ की मैं बिलकुल बेहोश हो गयी थी पता नहीं यह दोनों कब मेरे घर से गया 8:30 क़रीब मेरी नींद खुली तो मैं देखि मेरी पूरी बिस्तर पर खून का छींटा था मैं उठकर अपना बिस्तर लेकर बाथरूम गई और फ्रेश होकर बहार आयी उस दिन मुझे खाना बनाने का भी मन नहीं था फिर ऐसे बैठी थी दिल्ली पापा से बात की और रखी थी तभी गेट में बेल बजा मैं गेट खुली तो देखि ओहि दोनों कमीना था और सीधे अंदर आ गया और बोला आज रात को हम दोनों तुम्हारे साथ सोयेगे और रात में भी दोनों दारू पीकर मेरी चुदाई करता रहा मैं उन दोनों कामीणो की बिच मैं सोई रात को उस दोनों ने मिलकर मेरी गार मरी और चूत की भी चुदाइ की दोनों ने मिल कर एक साथ चुदाई करि मेरी एक आगे से दूसरा पीछे से दिल्ली से मेरे पापा को आने 4 दिन बाकि थी उस बिच दोनों दिन मैं और रात को चुदाई करते रहे कमीने बिलकुल रंडी बना रखा था!
आपको स्नेहा की चुदाई कैसे लगी हमें कमेंट करके बताये!!!
सबने मिलकर लड़ाई शांत करवाया और भैया पापा को पकड़ कर घर के अंडर ले आये! फिर अगले ही दिन भैया और उनकी लड़की चली गयी इंडिया मैं शाम को छत कर गयी कपड़े उतरने अब्दुला अपने छत पर से अपने पुलिस वाले फ्रेंड को मेरी तरफ दिखा रहा था फिर मैं नीचे चली आयी! एक दिन मैं कॉलेज से घर लौट रही थी तो रास्ते में अब्दुला मिला अपनी बाइक लेकर और मुझे फाॅर्स करने लगा बाइक पर बैठ जाओ घर छोड़ देता हूँ मुझे बहुत डर लग रहा था और बहुत ड्रींक किये हुए था और मैं डरते डरते उसके बाइक पर बैठ गयी वह मुझे रास्ते मैं बोल रहा था तेरा बाप उस दिन बहुत फुदक रहा था मैं चुप चाप बैठी रही! एक दिन पापा को फ़ोन दिल्ली से आया दादा जी काफी बीमार है और अब नहीं बचेंगे और दादा जी आखरी बार पापा एंड माँ को देखना चाहते थे, जाना तो मुझे भी था पर क्या करती कॉलेज में पेपर होने वाला था. पापा तो बोल रहे थे कॉलेज में पेपर है हम नही जायेगे दिल्ली फिर मैंने समझाया पापा को दादा जी की आखरी ख्वाइश है आपको देखने की आप चले जाये दिल्ली और दादा जी को देख कर आजाये और मैं अपनी लास्ट पेपर दे देती हम तब हम सब फिर से दिल्ली जाएंगे तो पापा मान गए और बोले घर से कम ही निकलना मैं बोली ओके ठीक है, अगले दिन पापा और माँ इंडिया चली गयी! अगले दिन पापा और मां इण्डिया चले गए! मैं गेट लगा कर पूरे दिन साई रही और शाम को उठी सर में दर्द हो रहा था मैं सोचि थोड़ा चाय पी लो जाकर! चाय बनाने के लिए मैं मिल्क लेने गयी थी दुकान पर इसी बीच अब्दुला मेरा गेट पर आकर खड़ा हो गया मैं उधर से लौट रही थी तो मैं अब्दुला को देखा
अपने गेट पर और मैं डर गयी डरते डरते अपने गेट पर गायी और अब्दुला गेट रोककर खड़ा था और मुझे देखकर बोला जान अपने दूध का हमे भी चाय पिला दो मैं डरी हुई बोली हटो गेट से मुझे अंदर जाना है! अब्दुला गेट से थोड़ा साइड हट गया और मैं अंदर जाने लगी तभी उसने मेरे स्तन को जोर से अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और दबाने लगा और बोल रहा था जानेमन आज रात को आ जाऊँ तुम्हारे घर मुझे पता है तेरा बाप नही है वह दिल्ली गया है ना! इतना कह कर वह चला गया मैं काफी डरी हुई थी! मैं पूरी रात सोई नहीं और सुबह हुई फिर मैं नहा धोकर कॉलेज के लिए तैयार हो गयी थी उस दिन मेरा लास्ट पेपर था टीचर ने सब बच्चों से बोला था आज जिसको जो पसंद है यह कपड़ा पहन कर आ सकते हो, मेरी फ्रेंड ने मुझे फाॅर्स किया था तुम कल साड़ी में आना तो उस दिन साड़ी पहन कर गयी थी!
कॉलेज में लास्ट पेपर था पेपर दे कर हम सब फ्रेंड होटल गयी खाना उस दिन हम सब ने खूब मस्ती की और 5 बज गए और शाम हो गयी थी सर्दी मैं लाहौर में 5 बजे ही अँधेरा हो जाता है, फिर मैं घर के लिए निकल दी घर पहुँची उस दिन मैं काफी थकी हुई थी छत पर जाकर मैं सुबह वाला कपडा उतरने गयी तो मैंने देखा अब्दुला और उसका पुलिस वाला फ्रेंड छत पर बैठा था और मेरी तरफ देख रहा था! कपडा उतार कर मैं सीधे रूम मैं आगयी! मैं काफी थकी हुई थी मैं रूम में जाकर लेट गयी साड़ी भी नही चेंज किया. कुछ देर मुझे लगा कोई घर के अन्दर आ रहा है! तब एक दम से मुझे याद आया मैं तो मैं गेट तो खुला ही छोड़ किया है और मैं पीछे पलट कर देखि तो अब्दुला और उसका पुलिस वाला फ्रेंड सीधे मैं रूम में पहुँच गया था! मैं उसे देख कर उसपर जोर से चिल्लाई तुम मेरे घर मैं कैसे इस पर अब्दुला बोला आज जानेमन तेरी जवानी खींच लाई है हम दोनों दोस्त को आज हम दोनों अपनी प्यास बुझा कर ही मानेंगे! मैं अब्दुला को हाथ जोड़कर बोली प्ल्ज़ मुझे छोड़ दो और मैं रोने लगी इस पर अब्दुला बोला तेरा बाप उस दिन बहुत अकड़ दिखा रहा था, आज उसकी अकड़ निकल कर ही मानुगा. मैं रोने लगी वह मुझ से बोला रोने से कुछ नहीं होने वाला है जानेमन अगर आज हम दोनों दोस्तों को खुश नहीं की ना तो मेरा दोस्त ग़ुस्सा हो जायेगा वह फिर तेरे बाप को किसी जुर्म में अंदर कर देगा अच्छा होगा तू हमें खुश कर दे इसी पर उसका पुलिस वाला दोस्त बोला अब्दुला मैं बाहर बैठा हूँ और तू काम करके जल्दी बाहर और ज्यादा बहस मत कर! इतना कह पुलिस वाला बाहर चला गया अब्दुला मुझ पर टूट परा मुझे बोला खड़ी हो जा मैं भी समझ गयी थी आज मेरे कुछ नही होने वाला और मैं चुप चाप खड़ी हो गयी. और अब्दुला मेरी साड़ी का पल्लू पकड़ खींचना शुरू कर दिया उसने मेरी पूरी साड़ी निकाल दी अब मैं बस पेटीकोट और बलाउज में थी और अब्दुला मुझे देखा देखते रह गए वह बोला आज तो जन्नत मिल गया. आकर मुझ से लिपट गया और मेरी गलो को किस करने लगा उसके बाद उसने अपना कपडा खोल दिया अब मेरे सामने अब्दुला का काला लांड बिल्कुल खारा था उसका लांड 8" का था फिर उसने मुझे बेड पर पटक दिया मुझ पर आकर लेट गया मेरी चूची को दबाना शुरू कर दिया अब मेरी बलाउज पीछे से खुलना शुरू कर दिया उसके सामने मेरी बड़ी बड़ी गोरी चूचि वह अपने मुँह से चूचि को चूसने लगा, अब मैं बिलकुल गरम हो गयी थी मेरे मुँह से आवाजें निकल रही थी मेरी सांसे जोर जोर से चल रही थी अब अब्दुला मेरी पेटीकोट मैं अपना हाथ डाल दिया और अपने ऊँगली मेरी चूत में डाल दिया और जोर जोर से ऊँगली करने लगा मेरी चूत मैं अब मेरी मुह से बहुत आवाजें निकलने लगी अब्दुला अब मेरी पेटीकोट खोलने लगा! मैं बिलकुल लगी थी अब्दुला के सामने अब्दुला बिना दे किये हुए अपना लंड मेरी चूत कर रगड़ने लगा मेरी चूत बिलकुल गीली थी अब अब्दुला अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा मेरी चूत मैं उसका लंड नहीं जा रहा था वह अपना मोटा लंड जबर्दस्ती मेरी चूत में डाल रहा था दर्द से मेरा बुरा हाल था मैं उसे बोल रही थी प्ल्ज़ अब्दुला छोड दो. मुझ से बोला आग लगा कर इससे कैसे छोड़ दो! अब्दुला एक जोरदार झटका मारा उसका मोटा लंड मेरी चूत बिलकुल अंदर चला गया अब दर्द से मेरा बुरा हाल था मैं जोर से चिल्लाने लगी अब्दुला तकिया मेरे मुँह पर रख कर जोर जोर चुदाई करने लगा लग भग 10 से 15 मिनट मैं अब्दुला का मोटा लंड पानी छोड़ दिया मेरी चूत मैं! अब्दुला उठ खड़ा हुआ और अपने कपड़े पहने लगा अपने कपड़े पहन कर यह बाहर चला गया तभी उसका पुलिस वाला फ्रेंड अंदर आया वह मुझे देखा तो देखते रह गए मानो उसका आख फट गया हो वह मेरे गोर बदन को देख रहा था मेरी चूत को देख कर उसका बुरा हाल हो गया मेरी चूत बिलकुल गीली थी और काफी सूझ गया था आते ही अपना बर्दी खोला मैंने उसका लड़ देखा मैं समझ गयी मैं इस लड़ को नहीं झेल सकती लग भग 12" से 15" का था साइड बेड पर आ गया मानो सबसे जयदा इसको ही है वह मेरे दोनों टांगों को फैला दिया वह अपना लड़ मेरी चूत में डाल दिया उसका लड़ आधा ही गया था फिर उसने एक जोर दार झटका मारा अब उसका लड़ मेरी चूत को मनो फार कर अंदर चला गया हो अब मैं पहले से जयदा जोर से चिल्लाने लगी अब यह और भी जोर जोर झटके मर रहा था उसने मेरी मुँह पर हाथ रख दिया! यह मेरी चुदाई करने लगा लग भग उसने मुझे कुत्तों की तरह 30 से 40 मिनट तक चुदाइ की मैं बिलकुल बेहोश हो गयी थी पता नहीं यह दोनों कब मेरे घर से गया 8:30 क़रीब मेरी नींद खुली तो मैं देखि मेरी पूरी बिस्तर पर खून का छींटा था मैं उठकर अपना बिस्तर लेकर बाथरूम गई और फ्रेश होकर बहार आयी उस दिन मुझे खाना बनाने का भी मन नहीं था फिर ऐसे बैठी थी दिल्ली पापा से बात की और रखी थी तभी गेट में बेल बजा मैं गेट खुली तो देखि ओहि दोनों कमीना था और सीधे अंदर आ गया और बोला आज रात को हम दोनों तुम्हारे साथ सोयेगे और रात में भी दोनों दारू पीकर मेरी चुदाई करता रहा मैं उन दोनों कामीणो की बिच मैं सोई रात को उस दोनों ने मिलकर मेरी गार मरी और चूत की भी चुदाइ की दोनों ने मिल कर एक साथ चुदाई करि मेरी एक आगे से दूसरा पीछे से दिल्ली से मेरे पापा को आने 4 दिन बाकि थी उस बिच दोनों दिन मैं और रात को चुदाई करते रहे कमीने बिलकुल रंडी बना रखा था!
आपको स्नेहा की चुदाई कैसे लगी हमें कमेंट करके बताये!!!


0 टिप्पणियाँ